माँ : एक दुनिया
हर रिश्ते में मिलावट देखी ,कच्चे धागों की सजावट देखी
लेकिन सालों साल देखा है माँ को ,उनके चेहरे पर कभी थकावट ना देखी।
ना ममता में कभी मिलावट देखी।
"माँ" ये कोई शब्द नहीं ये पूरी एक दुनिया है। सिर्फ माँ के नाम को देखें तो माँ से छोटा शब्द नहीं और ना ही माँ से बड़ा कोई शब्द है। ज़माने की इस स्वार्थी भीड़ में अगर कोई निस्वार्थ भाव से आपके साथ रहता है तो वो है माँ। हमारे जीवन में माँ की भूमिका , दुनिया में शामिल दूसरे लोगो से हमेशा से अनमोल रही है। माँ का पूरा दिन हमारी ज़रूरतों को पूरा करने में भले ही चली जाये पर वह बच्चों से कुछ वापस लेना भी नहीं चाहती बल्कि निस्वार्थ भाव से प्यार करती है। माँ के प्यार की क्या अहमियत है ये आप इस बात से अंदाज़ा लगा सकते है कि प्यार के लिए ममता शब्द का अलग इस्तेमाल किया जाता है। साथ रहने वाले भगवान् के रूप में माँ की ममता की तुलना किसी से कर ही नहीं सकते है।
आपके हर बुरे-अच्छे दिनों में, आपके पसंद-नापसंद में, हमेशा माँ को पास पाओगे। जो हमेशा जीवन में हमेशा प्रेरित करने के लिए मार्गदर्शन करती रहती है।वो हमेशा से हमारी हर क्रिया में रुचि दिखाती है। आपके जीवन का हर पहला सीख माँ से ही मिलता है इसीलिए माँ को पहला अध्यापक का दर्ज़ा दिया गया है। हमारे देश, समाज परिवार को बनाने वाली माँ की भूमिका को हम नकार नहीं सकते है।
हर कदम रखती है ज़माने से महफूज़ ,जिंदगी के हर कदम पर साथ निभाती है माँ।
कह ना पाती ज़ुबाँ जो शब्द समझ लेती है, पल में दूर कर हर मुश्किल, मुस्काती है माँ.
ममता की छाँव में वो अपनी देती है सुकून, बिना कुछ कहे हर पल दुआ बरसाती है माँ।
लेती है वो छुपा आँचल में, लुटाती है प्यार ,झुक जाता है कदमों में जिनके ,कहलाती है वो माँ।
माँ और बच्चों का एक ख़ास बंधन होता है जो कभी भी ना ख़त्म होने वाली चीज़ है कोई भी माँ अपने बच्चों के परवरिश और प्यार को कभी कम नहीं करती है वह अपने हर बच्चो को बराबर प्यार करती है। लेकिन उनके बुढ़ापे में वही सब बच्चे प्यार नहीं दे पाते। इसके बावजूद वह कभी भी बच्चो को गलत नहीं कहती और एक छोटा बच्चा समझ के माफ़ कर देती है। एक बच्चा और एक बुढ़ापा दोनों ही एक समान होते है अगर माँ कभी आपके बच्चे होने पर कभी अपने से दूर करने को नहीं सोचा तो उनके बुढ़ापे पर ऐसा क्यों सोचते है आप। अगर आप अपने भगवान के साथ ऐसा करते है तो आप कभी ये मत कहिये कि आप है बल्कि आप सबसे बदनसीब है। आप अगर ये सोचते है कि आप माँ-बाप को अनाथ आश्रम में छोड़ के आप बहुत सुखी जीवन जी रहे है तो आपकी भूल है क्योंकि ये उस माँ की दुआओं का ही असर है जो आप सुखी है क्योंकि तब भी आप से इतना ही प्यार करती है।
माँ ने उम्र भर संभाला ही था , हमें तो ज़िंदगी ने रुलाया है
कहाँ से पड़ती काँटों की आदत हमें , माँ ने हमेशा अपनी गोद में सुलाया है।
माँ मेरी दौलत माँ मेरी शोहरत

माँ एक ममता का आँचल है जो आँचल हमें आने वाले हर तूफान से बचाता है। जो दुनिया की हर बुरी नज़र से काले टीके की तरह बचाता है।
मै तारीफ क्या करुँ उस माँ की जिसने नौ महीने कोख में रख के पाला है , जिसने मुझे हर दर्द में संभाला है। अब बस इतना ही कहना चाहूँगा मेरी दुनिया में जितनी शोहरत है वो माँ के बदौलत है। और ऊपर वाले से क्या मांगू मेरी माँ ही सबसे बड़ी दौलत है।
आप सभी लोगो ने एक कहानी पढ़ी या सुनी होगी फिर भी कहना चाहूंगा -
एक बार की बात है एक आदमी (जो बहुत ही अमीर बिज़नेस वाला ) था। वह अपने पत्नी और खुद के निर्यण पर अपने माँ बाप को एक अनाथ आश्रम ले गया। बेटे ने कहा की अब आप लोग यही रहेंगे क्योंकि हमारे पास इतना टाइम नहीं है कि हम लोग आपकी देखभाल कर सकें और आप लोग को कुछ ज़रुरत पड़े तो बता दीजियेगा। माँ बाप ने कहा बेटा तुम लोग हमेशा खुश रहना और मुस्कुराते हुए आश्रम की तरफ चले गए। कुछ देर बाद वो बेटा देख रहा है कि वो लोग अनाथ आश्रम के मालिक से बहुत ही घुलमिल के बात कर रहे है। लड़के को ये देखकर आश्चर्य हुआ कि ये लोग बिलकुल भी परेशान नहीं है। वो लड़का जा कर अनाथ आश्रम के मालिक से पूछा कि आप मेरे माँ बाप को जानते है ? तो मालिक ने जो उत्तर दिया उससे लड़का माँ बाप के पैरों में गिर के रोने लगा। मालिक ने ये कहा कि बेटा मै इनको तबसे जानता हूँ जब ये पहली बार इसी अनाथ आश्रम आये थे, तुमको लेने।
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