MAHARASHTRA GOVT FORMATION
महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से सरकार बनाने के लिए जो घमासान जारी रहा, वो अब समाप्त हो गया। सरकार बनने के पश्चात् लोगो के मन में बहुत सवाल उठे, पर एक सवाल जो हर पार्टी के लोग यहाँ तक की जनता भी सोचने से नहीं रोक पायी वह है- महाराष्ट्र का असली चाणक्य कौन : शरद पवार या अमित शाह
गठबंधन की सरकार बनने के बाद इस सवाल का जवाब बहुत हद तक क्लियर हो गया। फिर भी इसको जानने के लिए थोड़ा पीछे जाना पड़ेगा। इसमें कोई दो राय नहीं बीजेपी की सरकार बनाने में अमित शाह का बहुत योगदान है ,सरकार बनाने के लिए जितने भी विक्लप हो सकते है अमित शाह से अच्छा कोई उपयोग नहीं कर पाया है। पर महाराष्ट्र में अमित शाह भी फीके पड़ गए। वजह थी एक शख्सियत - शरद पवार। राजनितिक अनुभवों को देखा जाये तो अमित शाह , शरद पवार के आगे बच्चे है। जब शरद पवार पहली बार MLA बने थे तो अमित शाह उस समय मात्र 3 साल के थे। और शरद पवार जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने तब उस समय अमित शाह सिर्फ 14 साल के थे। राजीनीतिक आधार पर ये कह सकते है कि अमित शाह,शरद पवार के सामने कहीं नहीं ठहरते। इतना सब पढ़ के अब तो आप जान चुके है कि असली चाणक्य कौन ?
इस नए गठबंधन की सरकार के बनने पर यह सवाल उठना लाज़िमी है कि क्या ये स्थायी सरकार दे पायेगी , क्योंकि यह त्रिकोणीय गठबंधन राजनितिक विचारधारा पर सारी पार्टियां एक दूसरे से बहुत अलग है। इसी बात को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने बोला कि यह तीन पहियों की सरकार है एक ना एक दिन एक्सीडेंट तो होना ही है।खैर ये भी सोचना ज़रूरी है कि शिव सेना अब महाराष्ट्र से आगे भी विस्तार चाहती है क्योंकि महाराष्ट्र में कुछ जगहों कोंकण और मुंबई को छोड़ दे तो बहुत प्रभुत्व जमा नहीं पायी है। और इस चीज को आगे ले जाने के लिए आदित्य ठाकरे को बड़े रोल के लिए तैयार कर रहे है। दूसरी ओर कांग्रेस पुरे देश में है पर अभी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। मुख्य मुद्दा तो यह है कि जब यही पार्टियां महाराष्ट्र से बाहर चुनाव लड़ेंगी तो क्या यही विचारधारा होगी या दूसरी।